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राहुल और स्नेहा बचपन से एक-दूसरे के सबसे अच्छे दोस्त थे। दोनों ने साथ में स्कूल की पढ़ाई की, कॉलेज में भी साथ गए, और ज़िंदगी की हर छोटी-बड़ी खुशियों और दुखों में एक-दूसरे का साथ दिया। राहुल हमेशा से स्नेहा को दिल की गहराइयों से चाहता था, पर कभी अपने प्यार का इज़हार नहीं कर पाया। एक दिन, कॉलेज के आखिरी दिन पर राहुल ने हिम्मत जुटाई और स्नेहा को अपने दिल की बात बताने का फैसला किया। उसने स्नेहा को कॉलेज की छत पर बुलाया, जहां दोनों अक्सर घंटों बातें किया करते थे। वहां पहुँचते ही राहुल ने स्नेहा को अपने दिल की बात कही, "स्नेहा, मैं तुम्हें बचपन से प्यार करता हूँ। क्या तुम मेरी जिंदगी का हिस्सा बनोगी?" स्नेहा ने थोड़ी देर तक कुछ नहीं कहा। फिर उसकी आँखों में आँसू आ गए और उसने मुस्कुराते हुए कहा, "राहुल, मुझे भी तुमसे बचपन से प्यार है। मैंने हमेशा तुम्हारे दिल की बात समझी, पर सोचा तुम कभी कहोगे नहीं।" राहुल और स्नेहा ने एक-दूसरे को गले लगाया और उनकी आंखों में खुशी के आँसू थे। वे दोनों जानते थे कि उनका प्यार सच्चा था और अब उन्हें कोई जुदा नहीं कर सकता था। कुछ सालों बाद, राहुल और स्नेहा ने शादी कर ली और एक खुशहाल जीवन जीने लगे। उनके प्यार की कहानी हमेशा के लिए एक मिसाल बन गई, जो यह साबित करती है कि सच्चा प्यार हर मुश्किल को पार कर सकता है। --- आपको यह कहानी कैसी लगी?